While surfing da net i came across a very beautiful Poem describing the wish of a FLOWER da poem was so gorgeous i wished dat i knew abt da poet of dis beautiful creation..neways here it's for u ppl ...it's the most beautiful poem i hv ever read ......
चाह नहीं मैं सुरबाला के
गहनों में गूँथा जाऊँ,
चाह नहीं, प्रेमी-माला में
बिंध प्यारी को ललचाऊँ,
चाह नहीं, सम्राटों के शव
पर हे हरि, डाला जाऊँ,
चाह नहीं, देवों के सिर पर
चढ़ूँ भाग्य पर इठलाऊँ।
मुझे तोड़ लेना वनमाली!
उस पथ पर देना तुम फेंक,
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने
जिस पर जावें वीर अनेक.
Monday, October 08, 2007
पुष्प की अभिलाषा.....
Posted by мιτšuκΘ τнε šΘπ Θƒ lιgнτ at 1:48:00 AM
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